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ख़ास अन्दाज़ जब सुखन का ना हो शायरी, शायरी नहीं होती। वेद राही जी का ये शेर उतना ही ख़ूबसूरत हैं , जितना की सच। इसलिए हम लाए हैं तमाम दुनिया के शायरां और शायरों के ख़्वाब-ओ-ख़याल, सिर्फ़ रेडियो के बच्चन (@rjpeeyushsingh) की आवाज़ में। आप सुन रहे हैं एच टी स्मार्टकास्ट और ये है रेडियो नशा प्रोडक्शन |

ख़ास अन्दाज़ जब सुखन का ना हो शायरी, शायरी नहीं होती। वेद राही जी का ये शेर उतना ही ख़ूबसूरत हैं , जितना की सच। इसलिए हम लाए हैं तमाम दुनिया के शायरां और शायरों के ख़्वाब-ओ-ख़याल, सिर्फ़ रेडियो के बच्चन (@rjpeeyushsingh) की आवाज़ में। आप सुन रहे हैं एच टी स्मार्टकास्ट और ये है रेडियो नशा प्रोडक्शन |

 

#87

S2E27 | कौन मरता है ज़िंदगी के लिए - Sadat Nazeer

आज का ख्याल शायर सादात नज़ीर साहब की कलम से | शायर कहते है - कौन मरता है ज़िंदगी के लिए, जी... more

02 Nov 2021

04 MINS

04:38

02 Nov 2021


#86

S2E26 | बदन में जैसे लहू ताज़ियाना हो गया है - Irfan Siddiqi

आज का ख्याल शायर इरफ़ान सिद्दीकी साहब की कलम से। शायर कहते है - 'बदन में जैसे लहू ताज़ियान... more

26 Oct 2021

05 MINS

05:25

26 Oct 2021


#85

S2E25 | खराबी का आग़ाज़ कहा से हुआ यह बताना है मुश्किल- Azam Bahzad

आज का ख्याल शायर आज़म बहज़ाद की कलम से । शायर कहते है -खराबी का कहा से हुआ यह बताना है मुश्क... more

19 Oct 2021

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05:11

19 Oct 2021


#84

S2E24 | तू इस तरह से मेरी ज़िंदगी में शामिल है - Nida Fazli

आज का ख्याल शायर निदा फाजली साहब की कलम से। शायर कहते है - 'तू इस तरह से मेरी ज़िंदगी में श... more

12 Oct 2021

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07:07

12 Oct 2021


#83

S2E23 | कुंज-ए-तन्हाई - Sabir Alvi

आज का ख्याल शायर साबिर अल्वी साहब की कलम से। शायर कहते है - 'कुंज-ए-तन्हाई के अफगार में क्... more

24 Sep 2021

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04:06

24 Sep 2021


#82

S2E22 | आए हो तो ये हिजाब क्या है - Mushafi Ghulam Hamdani

आज का ख्याल शायर ग़ुलाम हमदानी मुसहफ़ी की कलम से। शायर कहते है - 'आए हो तो ये हिजाब क्या ह... more

21 Sep 2021

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05:15

21 Sep 2021


#81

SE21 | इतना मालूम है - Parveen Shakir

आज का ख्याल शायर परवीन शाकिर की कलम से। शायर कहते है - 'अपने बिस्तर पे बहुत देर से मैं नीम... more

14 Sep 2021

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07:05

14 Sep 2021


#80

S2E20 | उनसे बढ़ते फासले और मै = Tabish Mehdi

आज का ख्याल शायर तबिश मेहदी साहब की कलम से। शायर कहते है - 'उनसे बढ़ते फासले और मै'। तबिश म... more

11 Sep 2021

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06:05

11 Sep 2021


#79

S2E19 | पीने की शराब और - Zaheer Dehlvi

आज का ख्याल शायर जहीर देहलवी साहब की कलम से। शायर कहते है - 'पीने की शराब और जवानी की शराब... more

07 Sep 2021

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04:42

07 Sep 2021


#78

S2E18 | वो चाँद है तो अक्स भी पानी में आएगा - Iqbal Sajid

आज का ख्याल शायर इक़बाल साजिद साहब की कलम से। शायर कहते है - 'वो चाँद है तो अक्स भी पानी मे... more

03 Sep 2021

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06:00

03 Sep 2021


#77

S2E17 | इस खुर्दुरी ग़ज़ल को - Muzaffar Hanfi

आज का ख्याल शायर मुज़फ़्फ़र हनफ़ी साहब की कलम से। शायर कहते है - 'इस खुर्दुरी ग़ज़ल को, ना... more

31 Aug 2021

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07:26

31 Aug 2021


#76

S2E16 | और बेशक़ ज़माने ने उसे "औरत" कहा- Shaad Aarfi

आज का ख्याल शाद आरफ़ी की कलम से। शायर कहते है - 'देख कर शेर ने उसको नुक्ता-ए-हिकमत कहा,और ... more

27 Aug 2021

10 MINS

10:14

27 Aug 2021


#75

S2E15 | मेरे हमनफ़स, मेरे हमनवा - Shakeel Badayuni

आज का ख्याल शायर शकील बदायूनी की कलम से। शायर कहते है - 'मेरे हमनफ़स, मेरे हमनवा, मुझे दोस... more

24 Aug 2021

05 MINS

05:42

24 Aug 2021


#74

S2E14 | होता है शब-ओ-रोज़ तमाशा मेरे आगे - Mirza Ghalib

आज का ख्याल शायर मिर्ज़ा ग़ालिब की कलम से। शायर कहते है - 'बाज़ीचा-ए-अतफ़ाल है दुनिया मेरे आ... more

20 Aug 2021

06 MINS

06:37

20 Aug 2021


#73

S2E13 | ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने में - Gulzar | Gulzar Sahab B'day Special

आज का ख्याल शायर गुलज़ार साहब की कलम से। शायर कहते है - 'ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने में,... more

17 Aug 2021

05 MINS

05:27

17 Aug 2021


#72

S2E12 | वो हमसफ़र था - Naseer Turabi

आज का ख्याल शायर नसीर तुराबी की कलम से। शायर कहते है - 'वो हम-सफ़र था मगर उस से हम-नवाई न ... more

13 Aug 2021

07 MINS

07:54

13 Aug 2021


#71

S2E11 | आए जज़्बा-ए-दिल गर मैं चाहूं - Behzad Lucknavi

आज का ख्याल शायर बेहज़ाद लखनवी की कलम से। शायर कहते है - 'आए जज़्बा-ए-दिल गर मैं चाहूं'। ब... more

10 Aug 2021

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07:17

10 Aug 2021


#70

S2E10 | कौन आयेगा यहाँ - Kaif Bhopali

आज का ख्याल शायर कैफ़ भोपाली की कलम से। शायर कहते है - 'कौन आयेगा यहाँ कोई न आया होगा'। कै... more

06 Aug 2021

05 MINS

05:05

06 Aug 2021


#69

S2E9 | मैं तो दरिया हूं समुंदर में उतर जाऊंगा - Ahmad Nadeem Qasmi

आज का ख्याल शायर अहमद 'नदीम' क़ासमी की कलम से। शायर कहते है - 'मैं तो दरिया हूं समुंदर में... more

03 Aug 2021

06 MINS

06:41

03 Aug 2021


#68

S2E8 | बड़ा अँधेरा है - Saghar Siddiqui

आज का ख्याल शायर साग़र सिद्दीक़ी की कलम से। शायर कहते है - चराग़-ए-तूर जलाओ बड़ा अँधेरा है... more

30 Jul 2021

07 MINS

07:28

30 Jul 2021


#67

S2E7 | दे मोहब्बत तो मोहब्बत में असर पैदा कर - Bekhud Dehlvi

आज का ख्याल शायर बेख़ुद देहलवी की कलम से। शायर कहते है - दे मोहब्बत तो मोहब्बत में असर पैद... more

27 Jul 2021

11 MINS

11:15

27 Jul 2021


#66

S2E6 | मुझसे पहली सी मुहब्बत - Faiz Ahmad Faiz | Tribute to Surekha Seekri

आज का ख्याल शायर फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की कलम से। शायर कहते है - मुझसे पहली सी मुहब्बत, मेरे मे... more

23 Jul 2021

06 MINS

06:44

23 Jul 2021


#65

S2E5 | ग़म हर इक आँख को छलकाए - Fana Nizami Kanpuri

आज का ख्याल शायर फ़ना निज़ामी कानपुरी की कलम से। शायर कहते है - ग़म हर इक आँख को छलकाए जरू... more

20 Jul 2021

06 MINS

06:20

20 Jul 2021


#64

S2E4 | ये मुलाक़ात मुलाक़ात नहीं होती है - Hafeez Jalandhari

आज का ख्याल शायर ख़्वाजा हफ़ीज़ जालंधरी की कलम से। शायर कहते है - ये मुलाक़ात मुलाक़ात नही... more

16 Jul 2021

08 MINS

08:45

16 Jul 2021


#63

S2E3 | ये आरज़ू थी - Haidar Ali Aatish

आज का ख्याल शायर ख़्वाजा हैदर अली 'आतिश' की कलम से। शायर कहते है - ये आरज़ू थी तुझे गुल के... more

13 Jul 2021

07 MINS

07:35

13 Jul 2021


#62

S2E2 | इक पल में इक सदी का मज़ा - Khumar Barabankvi

आज का ख्याल शायर ख़ुमार बाराबंकवी की कलम से। शायर कहते है - इक पल में इक सदी का मज़ा हम से ... more

09 Jul 2021

07 MINS

07:28

09 Jul 2021


#61

S2E1 | मगर ये ज़ख्म ये मरहम - Jaun Elia

आप सब से बेहद प्यार बटोरने के बाद, RJ पीयूष बापस आ गए है सीजन-2 के साथ। सीजन-2 का पहला ख्य... more

02 Jul 2021

07 MINS

07:51

02 Jul 2021